ONE NATION-ONE RATION CARD: एक राष्ट्र एक राशन कार्ड

दोस्तों क्या आपने यह कल्पना की है की आप ऐसे किसी राज्य में रहते हैं जहाँ पर आपका राशन कार्ड बना हुआ है तथा आपको किसी काम के सिलसिले से अन्य किसी राज्य में पलायन करना पड़ा हो, तो आप उसी राशन कार्ड का उपयोग करके वहां भी राशन प्राप्त कर सकते हैं, तो यह कुछ दिनों पहले तक नामुमकिन ही था, परन्तु भारत सरकार के पहल से एक नयी व्यवस्था (ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड) शुरू की गयी है जिसके तहत यह कल्पना सिर्फ कल्पना मात्र नहीं रही बल्कि हकीकत बन गयी है।

ONE NATION-ONE RASHAN CARD: एक राष्ट्र एक राशन कार्ड
ONE NATION-ONE RATION CARD: एक राष्ट्र एक राशन कार्ड 

1 जून 2020 से इस व्यवस्था को भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी है वर्तमान में यह व्यवस्था भारत के 12 राज्यों में लागू  है। (छत्तीसगढ़ में भी इसका क्रियान्वयन की प्रक्रिया चल रही है कुछ ही समय में यहाँ भी पूरी तरह लागू कर दी जावेगी। )

Objectives (उद्देश्य ):

(One Nation, One Ration Card Scheme : एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना)

  • इस योजना के माध्यम से देश के सभी नागरिकों को एक कार्ड से पूरे देश में कहीं भी राशन उपलब्ध हो सकेगा तथा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सभी लोगों को अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
  • इस योजना से गरीब, मज़दूर और ऐसे लोग लाभांवित होंगे जो जीविका, रोज़गार या किसी अन्य कारण से एक राज्य से दूसरे राज्य प्रवास करते है। 
  • इस योजना का मूल उद्देश्य देश भर के गरीब वर्गों को बहुत कम दरों पर पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध कराना है. इस प्लान के अमल में आने से देश के पलायनवादी मजदूरों का खाद्यान्न खरीद का खर्चा कम हो जायेगा।
  • गावों से पलायन में कमी होने से शहरों में झुग्गी की समस्या कम होगी और शहरी संसाधनों पर बोझ कम होगा।

पात्रता:

ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के तहत भारत का कोई भी ऐसा कानूनी नागरिक :
  1. जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। 
  2. जबकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता के राशन कार्ड में जोड़ा जाएगा।
(नोट: छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड सिर्फ परिवार के वरिष्ठ महिला सदस्य के नाम पर बनायी जाती है। )

पुराने राशन कार्ड का क्या होगा?

इस पीडीएस योजना का लाभ उठाने के लिए नया राशन कार्ड प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. इस योजना के तहत, देश भर के सभी पिछले राशन कार्ड धारकों को देश के किसी भी कोने में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से सस्ता अनाज मिल सकेगा. हालाँकि, अब जो भी नए कार्ड बनेंगे, जो कि One Nation One Ration Cardके निर्धारित प्रारूप में बनेंगे। 

ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड का प्रारूप:

अंकों का खेल:

नए राशन कार्ड के प्रारूप में 10 अंकों का मानक राशन कार्ड नंबर इंगित किया जायेगा। इस नए राशन कार्ड के 10 अंकों में से पहले दो अंक राज्य कोड को दर्शाएंगे, अगले दो अंक वर्तमान में चल रहे राशन कार्ड के नंबर को प्रदर्शित करेंगे तथा राशन कार्ड के अगले दो अंक लाभार्थी की यूनिक सदस्य आईडी को दर्शाएंगे। 

भाषा का प्रयोग:

हमारे देश के विभिन्न राज्यों में अलग- अलग भाषा का उपयोग होता है और उसी भाषा में ही राशन कार्ड बना हुआ है अतः इस स्थिति में यह कार्ड किसी अन्य राज्य में उपयोग में लाने में परेशानी हो सकती है जिसके कारण अब यह प्रावधान किया जायेगा की कार्ड में स्थानीय भाषा के अलावा हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक भाषा का चुनाव राज्य सरकार को करना होगा जिससे की कार्ड द्विभाषी प्रारूप में हो जाएगी। 

व्यवस्था से होने वाले लाभ:

  1. सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल: इस व्यवस्था में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पारदर्शिता बढ़ेगी जिससे PDS व्यवस्था में होने वाले भ्रस्टाचार में कमी आएगी। 
  2. FCI के साथ सम्बन्ध: इस व्यवस्था के लागू होने से FCI (Food Corporation of India) और राज्यों के बीच सुचना प्रणाली मजबूत होगी।
  3. विशेष पोर्टलों तथा डैशबोर्ड का निर्माण: विशेष प्रकार के नए पोर्टलों के निर्माण से राज्यों में होने वाले खरीदी और वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी तथा भण्डारण और खाद्यान्न वितरण की गुणात्मक तथा मात्रात्मक की सटीक जानकारी प्राप्त होगी। 
  4. कालाबाजारी पर रोक: वर्तमान समय में, पीडीएस दुकान के मालिक वास्तविक लाभार्थियों की अनुपस्थिति में इन खाद्यान्नों को खुले बाजार में बेच कर मोटा लाभ उठाते हैं जिन पर नकेल कसेगी और खाद्यान्न उचित लोगों तक ही पहुंचेगा। 
  5. पलायन करने वालों को लाभ: ऐसे श्रमिक जिन्हे काम के कारन अन्य राज्य में पलायन करना पड़ता है उन्हें भी अब उचित मूल्य में खाद्यान्न सामग्री प्राप्त हो पाएंगी।
  6. ग्लोबल हंगर इंडेक्स: इंटरनेशनल फ़ूड पालिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा जारी की जाने वाली रैंकिंग में इस व्यवस्था के लागू होने से भारत की रैंकिंग बढ़ेगी। जोकि 2019 के अनुसार कुल 117 देशों में भारत का स्थान 102 है। 

क्रियान्वयन :

  • ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के तहत सभी राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ा जायेगा तथा पॉइंट ऑफ सेल (Point of Sale, PoS) मशीन के माध्‍यम से खाद्य सामग्री का वितरण किया जायेगा।
  • इस समय हमारे देश में सिर्फ और सिर्फ 10 राज्यों में Pos प्रणाली के तहत पूरी तरह खाद्य सामग्री का वितरण होता है। ये 10 राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, तेलंगाना और त्रिपुरा है। 
  • सार्वजनिक वितरण की सभी दुकानों को इंटरनेट से जोड़ा जा चुका है जिसके तहत लाभार्थी सार्वजनिक वितरण की किसी भी दुकान से खाद्य सामग्री प्राप्‍त कर सकते हैं। 

PDS व्यवस्था की से मिलने वाले खाद्यान्न की मात्रा:

ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत, प्रत्येक बीपीएल परिवार को हर महीने निश्चित मूल्य पर 35 किलोग्राम खाद्यान्न मिलेगा जिसमे:
  1. पश्चिमी जिलों में खाद्यान्न की मात्रा : 20 किलोग्राम चावल और 15 किलोग्राम गेहूं 
  2. पूर्वी जिलों में खाद्यान्न की मात्रा - 25 किलोग्राम चावल और 10 किलोग्राम गेहूं 
(इसके लिए लाभार्थी को गेहूँ का मूल्य रु. 3 प्रति कि.ग्रा और चावल के लिए रु 2 प्रति कि.ग्रा.चुकाना होगा).

उपरोक्त लेख से बनने वाले प्रश्न:
  1. ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड की शुरुवात कब की गयी?
  2. शुरुवाती चरणों में इसमें कितने राज्यों को शामिल किया गया है ?
  3. नए राशन कार्ड में कितने अंको का यूनिक आईडी होगा ?
  4. ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड को कौन से अधिनियम के तहत शुरू किया गया है ?
  5. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का कौन सा स्थान है?
  6. ग्लोबल हंगर इंडेक्स कौन जारी करता है ?
  7. ONE NATION-ONE RATION CARD:एक राष्ट्र एक राशन कार्ड  के तहत राशन कार्ड में कितने भाषा का प्रयोग किया जायेगा ?
  8. ONOR के तहत लाभार्थी को कितने किलोग्राम खाद्यान प्रदान किया जायेगा?
cgnewshindi.in
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