Chandra Grahan (Lunar Eclipse), Surya Grahan (Solar Eclipse): जानें चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण कैसे होता है


Solar Eclipse
चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण 

आज हम जानेंगे विभिन्न प्रकार के खगोलीय घटनाओं के बारे में। ये खगोलीय घटनाएँ वैसे तो अपने आप में बहुत अलग होती है परन्तु भारतीय संस्कृति के अनुसार इसे अशुभ भी माना गया है, पहले इसे देखना, घर से बाहर निकलना, ग्रहण में सोना, भोजन ग्रहण करना, कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता था, परन्तु आज लोगों में इन घटनाओं को जानने और देखने की इच्छा जागृत हुई है। आज हम जानेंगे की आखिर चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) होता क्या है, कैसे लगता है, सूर्य ग्रहण (Surya Grahan ) क्या होता है, कैसे लगता है, ब्लू मून (Blue Moon) किसे कहते हैं, ब्लड मून (Blood Moon ) किसे कहते हैं और सुपर मून (Super Moon ) क्या होता है। 

Chandra Grahan kya hota hai? चंद्र ग्रहण क्या होता है:

ऐसी खगोलीय घटना जिसमें सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक सीधी लाइन पर होते हैं तथा परिक्रमा के दौरान सूर्य और चन्द्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाने से पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ने लगती है, जिसे ही चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) के नाम से जाना जाता है। इसे अंग्रेजी में Lunar Eclipse कहते हैं। 

भारतीय संस्कृति में किसी की छाया किसी दूसरे पर पड़ना अशुभ माना जाता है,चूँकि इस घटना में पृथ्वी की परछाई चन्द्रमा पर पड़ती है इसलिए हमारे देश में अनेकों जगह चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) को अशुभ समझा जाता है। परन्तु वैज्ञानिक मतानुसार ऐसा कुछ भी नहीं होता है यह एक आम खगोलीय घटना है। 

चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse)


Blood Moon kyo kahte hain? ब्लड मून क्यों कहते हैं :

जब इस खगोलीय घटना की शुरुवात होती है और पृथ्वी की परछाई चन्द्रमा पर पड़ने लगती है, चन्द्रमा काले रंग का दिखाई देता है परन्तु कुछ समय के बाद चन्द्रमा लाल सुर्ख़ रंग का होने लगता है, चन्द्रमा जब पूर्णतः लाल सुर्ख़ रंग का हो जाता है तब मानो लगता है की उसमे खून Blood भरा हो जिसके कारण ही चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) को Blood Moon के नाम से भी जानते है। 

Chandra Grahan ko kaise dekhen ? चंद्र ग्रहण को कैसे देखें :

चूँकि यह घटना पृथ्वी से केवल उन जगहों पर देखा जा सकता है जहाँ रात होती है, अतः इसे देखने के लिए किसी विशेष वस्तु या चश्मे की आवश्यकता नहीं होती और ना ही यह हमारे आँखों को कोई नुकसान पहुंचाती है। इसलिए चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) जैसे अत्भुत नज़ारे को नग्न आँखों से देखने का लुफ्त बिना किसी डर के उठा सकतें है। 

Surya Grahan Kya Hota Hai? सूर्य ग्रहण क्या होता है?

सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें परिक्रमा के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है। चन्द्रमा के बीच में आने के कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी में कुछ जगहों पर नहीं पड़ता है। सूर्य ग्रहण को हम सिर्फ जहाँ दिन होता है वहाँ से ही देख सकते हैं परन्तु यह जरुरी नहीं की यह उन सारे जगहों से हमें दिखे जहाँ दिन हो, इसका कारण यह है की पृथ्वी की तुलना में चन्द्रमा का आकर छोटा होता है जिसके कारण पृथ्वी पर इसकी छाया कम जगहों पर ही पड़ती है। 
 
सूर्य ग्रहण ( Solar Eclipse)


भारतीय संस्कृति में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) को चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) की तुलना में अधिक अशुभ माना जाता है, कहा जाता है की सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के समय घर से बाहर या खुले आसमान में नहीं निकलना चाहिए, इसका वैज्ञानिक कारण भी है कि सूर्य से निकलने वाली कुछ किरणों को चन्द्रमा रोक लेता है परन्तु आकर में छोटा होने के कारण सारे किरणों को रोक पाने में असमर्थ होता है, सूर्य की किरणें चन्द्रमा के बाहरी आवरण से निकलने के कारण अत्यधिक तीक्ष्ण और चमकदार हो जाती है जो आँखों को नुकसान पहुँचा सकती है तथा इस समय सूर्य से निकलने वाली अनेक गामा किरणें हमारे त्वचा पर अनेक रोग उत्पन्न कर सकती है। 

Surya Grahan ko kaise dekhen? सूर्य ग्रहण को कैसे देखें :

जैसा की आप लोगों को पता है सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) में सूर्य की रोशनी अत्यंत तीक्ष्ण और चमकदार होती है फलस्वरूप हमारे आँखों को नुकसान पहुँचा सकती है। चूँकि यह एक खगोलीय घटना है और सबको यह घटना देखने की और इसके बारे में जानने की इच्छा होती है, अतः लोग इसे देखना चाहतें है। इस अनोखी घटना का लुफ्त उठाने के लिए क्या करना चाहिए यह सवाल सबके मन में होता है, तो इसका जवाब यह है की अगर सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) को देखना हो तो हमें अच्छे Quality के चश्मों का उपयोग करना चाहिए कोई भी आम चश्मों की सहायता से नहीं देखना चाहिए, या फिर इस घटना को देखने के लिए विभिन्न संस्थानें आवश्यक उपकरण मुहैया कराती है इन जगहों पर जाकर यह नजारा देखा जा सकता है। 

Blue Moon kya hota hai? ब्लू मून क्या होता है ?

जैसा की हमें पता हर महीने में कम से कम एक बार पूर्णिमा का दिन आता है जिसमे चाँद पूरा और चमकदार दिखाई देता है, परन्तु यह घटना महीने में अगर दो बार घटित हो तो दूसरे Full Moon अर्थात पूर्णिमा को हम Blue Moon (ब्लू मून) के नाम से जानते हैं।  

Super Moon kya hota hai ? सुपर मून क्या होता है?

हम जानते हैं की चन्द्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है, उपग्रह होने के कारण यह पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है, इस परिक्रमा के दौरान चन्द्रमा का पथ परवलयकार होता है जिसके कारण चन्द्रमा कभी पृथ्वी के निकट तो कभी पृथ्वी के सबसे अधिकतम दूरी से गुजरती है। 

Super Moon (सुपर मून) एक ऐसी खगोलीय घटना को कहते हैं जिसमे चन्द्रमा, पृथ्वी के सबसे करीब होता है (लगभग 3,56,500 किलोमीटर) इस स्थिति में चन्द्रमा अपनी वास्तविक स्थिति से चौदह गुना अधिक चमकीला नजर आता है। खगोल वैज्ञानिको द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार यह Super Moon (सुपर मून) की घटना लगभग हर 33 साल बाद घटित होता है। 



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आज हम इस पोस्ट के माध्यम से सूर्य ग्रहण (Surya Grahan), चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan), ब्लड मून (Blood Moon), सुपर मून (Super Moon), ब्लू मून (Blue Moon) के बारे में सिखने को मिला। आशा करता हूँ की आप लोगो इसके बारे में प्राप्त जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर कोई त्रुटि, सुधार या कोई Suggestion देनी  होगी तो नीचे comment box के माध्यम से दे सकतें हैं। 
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