कबीरधाम (कवर्धा); Kabirdham(Kawardha)

अगर आप प्रकृति की गोद और  शांति की तलाश रखते है, आप ऐसे जगह की तलाश में हैं, जहाँ आप प्रकृति की मनोरम वादियों का लुफ़्त लेना चाहते हैं, तो आपको छत्तीसगढ़ में कवर्धा (कबीरधाम) से अच्छी जगह नहीं मिल सकता। कवर्धा की पहचान यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा ही है, यहाँ आकर आपको अहसास होगा की प्रकृति कितनी हसीन है।

                           कवर्धा (कबीरधाम) मैकल पर्वत शृंखला के तलहटी और सकरी नदी के किनारे बसा छत्तीसगढ़ राज्य का एक छोटा सा जिला है, जिसकी प्राकृतिक और ऐतिहासिक महत्व छत्तीसगढ़ राज्य में अहम् स्थान रखती है। कवर्धा (कबीरधाम) को धर्मनगरी के नाम से भी जाना जाता है।

प्रसिद्धी:
Bhoramdev Mandir

भोरमदेव मंदिर, भोरमदेव अभ्यारण्य, कवर्धा पैलेस, सरोदा डैम और चिल्फी घाटी के कारण सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। 

कैसे जाएँ :

हवाई अड्डा : निकटतम हवाई अड्डा नया रायपुर स्थित स्वामी विवेकानद हवाई अड्डा दूरी - 145 KM
रेलवे स्टेशन :  कबीरधाम (कवर्धा) में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, निम्नलिखित स्टेशनों में उतरकर कवर्धा                            पहुँचा  जा सकता है :
                      रायपुर जंक्शन से दूरी -123KM 
                      राजनाँदगाँव रेलवे स्टेऑन से दूरी : 126 KM
                      दुर्ग जंक्शन से दूरी : 120KM 
                      बिलासपुर जंक्शन से दूरी : 104KM 
                      भाटापारा रेलवे स्टेशन से दूरी : 103KM
                      तिल्दा रेलवे स्टेशन से दूरी : 97KM

कवर्धा जाना है तो आपको बस मार्ग से ही जाना होगा, कवर्धा के लिए रायपुर, दुर्ग, राजनाँदगाँव  और बिलासपुर, इन सारे जगहों से बहुत ही कम समय अंतराल में कवर्धा के लिए बस मिल जाएँगी, रायपुर से आपको A.C. बस की भी सुविधा मिल जाती है।

                   अगर आप अपने खुद के वाहन से कवर्धा जाना चाहतें है तो यह आपके लिए सबसे अच्छा साधन होगा, क्योकि कवर्धा में आपको घूमने के लिए एक वाहन  की आवश्यकता होगी। अगर आप बस से कवर्धा पहुँचते हैं तो आपको किराये से वाहन लेना पड़ेगा, कवर्धा में बहुत से ट्रेवल एजेंसीज हैं जहाँ से आपको काफी अच्छे कीमत पर वाहन किराये से मिल जाएँगी।

कब जाएँ :

वैसे तो कवर्धा का मौसम साल के बारहों महीने ख़ुशनुमा बना होता है, परन्तु अगर कवर्धा की हरियाली देखना चाहते हैं तो सितम्बर से लेकर मार्च तक कभी भी जा सकते हैं। अगर इन महीनों  में कवर्धा जाते है तो आपको ऐसा लगेगा जैसे आप कही स्वर्ग में आ गए हों, क्योंकि यहाँ की हरियाली अपने चरम पर होती है जो हर किसी का मन अपनी ओर बरबस खींच ही लेती है, यहाँ आने के बाद जाने का मन ही नहीं करता है। 

कहाँ घूमें 

छेरकी महल  (Chheraki Mahal)
सरोदा डैम (Saroda Dam)
कवर्धा पैलेस (Kawardha Palace)
चिल्फी घाटी (Chilphi Ghati)
सरोधा दादर (Sarodha Dadar)
रानीदहरा जल प्रपात (Rani Dahara)
पीडाघाट (Pidaghat)
देवानपटपर (चुम्बकीय क्षेत्र ) (Dewanpatapar)
भोरमदेव अभ्यारण्य (Bhoramdev Abhyaranya)
पचराई और बकेला (Pacharai and Bakela)


CG News Hindi

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